एडवेंचर से भरपूर होगी Har Ki Dun Trekking, 500 साल पुरानी है देवताओं की घाटी की विरासत

Har Ki Dun Trekking: उत्तराखंड में हर की दून को देवताओं की घाटी के नाम से जाना जाता है। गढ़वाल हिमालय में स्थित यह एक बहुत ही खूबसूरत ट्रैकिंग स्पॉट है। यहां पर ट्रेकिंग के दौरान रास्ते में स्वर्गरोहिणी, बांदरपेंच और काला नाग जैसी हिमालय की चोटियां देखने को मिलती हैं। यहां पर आसपास बहुत सारे प्राचीन गांव बसे हुए हैं। पूरा एरिया घने जंगलों से गिरा हुआ है ऐसे में ट्रैकिंग करने के लिए यह सबसे बेस्ट जगह है।

आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको Har Ki Dun Trekking के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। यहां पर आपको पता चलेगा कि कैसे आप हर की दून पहुंच सकते हैं। यहां पर ठहरने की क्या व्यवस्था है। कौन-कौन सा खाना आपको मिलेगा और कितने बजट में आप यात्रा कर सकते हैं।

Har Ki Dun Trekking

Har Ki Dun Trekking – Overview

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर की दून ट्रैक समुद्र तल से करीब 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गोविंद वन्य जीव अभ्यारण में बसी हुई यह एक खूबसूरत घाटी है जिसकी लंबाई करीब 50 किलोमीटर है। इसकी ट्रैकिंग में आपको लगभग 6 से 7 दिन का समय लगता है। इस ट्रैकिंग में आपको टोंस नदी के किनारे, अल्पाइन घास के मैदान, बर्फ से ढके हुए पहाड़ आदि देखने को मिलते हैं। इस हर की दून को महाभारत काल से जुड़ा हुआ माना जाता है

Har Ki Dun Trekking

हर की दून पहुंचने का रास्ता

बस

अगर आप बस के माध्यम से यात्रा कर रहे हैं तो देहरादून से बस पकड़ सकते हैं। यहां से संकरी आने के लिए सीधी बस उपलब्ध है। इस यात्रा में आपके करीब 8 से 9 घंटे का समय लगता है और करीब 400 से ₹500 तक का किराया लगेगा। संकरी पहुंचने के बाद आपको कोट गांव जाने के लिए जीप लेनी होगी।

कार

कार के माध्यम से यात्रा कर रहे हैं तो देहरादून से संकरी पहुंचने के लिए 200 किलोमीटर का सफर आपको तय करना होगा। इसके लिए करीब 8 घंटे का समय आपको लग सकता है। यहां पर आपका कुल ईंधन करीब ₹4000 का खर्च हो जाएगा। यह रास्ता यमुना और टोंस घाटी से होते हुए निकलता है।

ट्रेन

ट्रेन के माध्यम से अगर आप हर की दून जाना चाहते हैं तो निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून है। दिल्ली से आप नंदा देवी एक्सप्रेस या फिर देहरादून एक्सप्रेस ट्रेन पकड़कर यहां आ सकते हैं। रात की ट्रेन में बैठेंगे तो सुबह 5:00 बजे यहां पहुंच जाएंगे। इसके बाद आप आगे की यात्रा कर या जीप के माध्यम से पूरी कर सकते हैं।

फ्लाइट

अगर आप फ्लाइट से यात्रा कर रहे हैं तो हर की दून के नजदीकी हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है। दिल्ली से अगर आप देहरादून की फ्लाइट लेते हैं तो ₹4000 से लेकर ₹6000 तक का किराया आपको देना होगा। हवाई जहाज से मात्र 1 घंटे में ही आप यहां पर पहुंच जाएंगे। इसके बाद हवाई अड्डे से आप टैक्सी लेकर आगे बढ़ सकते हैं।

Har Ki Dun Trekking

हर की दून में ठहरने की व्यवस्था

हर की दून में आपको ठहरने की अच्छी सुविधा नहीं मिलती है। इसके लिए आपको संकरी में ही मेराकी होमस्टे या फिर हिमालय सेंटर गेस्ट हाउस में एक रात बितानी होगी। ट्रेकिंग के दौरान आपको अपना टेंट अपने साथ रखना होगा। अगर आप टूर ऑपरेटर के साथ यात्रा कर रहे हैं तो ओसला गांव में होमस्टे में आपको एक रात बितानी होगी।

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हर की दून में एडवेंचर एक्टिविटीज

हर की दून यात्रा के दौरान ओसला गाँव में प्राचीन सोमेश्वर मंदिर और दुर्जोधन मंदिर देख सकते हैं, जो यहां की संस्कृति का हिस्सा माना जाता है।

हर की धुन में मुख्य ट्रैकिंग स्थल जोंधार ग्लेशियर है जो करीब 15 किलोमीटर लंबा है। इसके अलावा मोरिंडा ताल का 16 किलोमीटर लंबा ट्रैक ट्रैक भी पॉपुलर है।

यहां पर आपको कई प्राकृतिक स्थान देखने को मिलते हैं, जिसमें टोंस नदी, अल्पाइन घास के मैदान और स्वर्ग रोहिणी चोटी है।

Har Ki Dun Trekking

यात्रा का बजट और कुल खर्च

इस यात्रा के दौरान आपका बजट ₹15000 से लेकर ₹25000 के बीच में हो सकता है। इस यात्रा के दौरान आपको लगभग 6 से 7 दिन टूर पर बिताने होंगे। जिसमें ट्रैकिंग पैकेज परिवहन का खर्चा और ठहरने की व्यवस्था भी शामिल है। इसके साथ ही कई जगह पर प्रवेश शुल्क के रूप में आपको पैसा देना होगा। आपातकालीन स्थिति में भी आपका कुछ खर्च हो सकता है। बाकी आप कितना खर्च करते हैं कौन सा खाना खाते हैं और कहां पर ठहरते हैं, इस पर निर्भर करता है।

Har Ki Dun Trekking

यात्रा के जरूरी टिप्स

अगर आप यहां पर यात्रा करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो अभी से रोजाना 3 से 4 किलोमीटर की दौड़ लगाना शुरू कर दीजिए। इससे आपकी फिटनेस बहुत अच्छी हो जाएगी और यहां पर ट्रैकिंग करने में आपको समस्या नहीं आएगी। इस यात्रा पर जाने से पहले आपको मौसम की जानकारी का पता कर लेना चाहिए।

जुलाई और अगस्त के महीने में जाने से आपको बचना है क्योंकि इस दौरान यहां का रास्ता आपको सही नहीं मिलेगा। मार्च से लेकर जून के महीने के बीच में या फिर सितंबर से नवंबर महीने के बीच में आप यहां पर जा सकते हैं। आपको एक कम वजन होने वाला बैग अपने साथ रखना होगा जिसमें वाटरप्रूफ जूते, प्राकृतिक चिकित्सा किट अपने साथ रखनी होगी।

यहां पर मोबाइल नेटवर्क बहुत ही कम काम करता है ऐसे में आप अपने साथ एक पावर बैंक जरूर ले जाए। क्योंकि मोबाइल चार्जिंग करने के लिए सही जगह नहीं मिलेगी। हो सके तो स्थानीय गाइड अथवा ट्रैकिंग ग्रुप के साथ ही यात्रा करें।

निष्कर्ष

हर की दून की ट्रैकिंग बहुत ज्यादा लोकप्रिय है, अगर आप एक प्रकृति प्रेमी है और आध्यात्मिक की यात्रा पर जाना चाहते हैं तो हर की दून आपको हमेशा याद रहेगा। यहां पर आपको खूबसूरत दृश्य देखने को मिलते हैं, यहां की सांस्कृतिक धरोहर आपको आकर्षित करती है और वातावरण में एक शांतिपूर्ण माहौल देखने को मिलता है। अगर आप सही बजट के साथ इस यात्रा को करेंगे तो आपका अनुभव बहुत यादगार रहेगा।

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